कई बीमारियों से निजात दिलाती है उत्तराखंड की प्रसिद्ध मंडुआ की रोटी

Mandua Ki Roti

मंडुआ या रागी की रोटी (Mandua ki Roti) उत्तर भारत के कई हिस्सों में प्रसिद्ध भोजन के रूप में जाना जाता है। यह रोटी मंडुआ नामक एक अनाज से बनाई जाती है। उत्तराखंड में भी स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों के बीच भी मंडुआ की रोटी काफी लोकप्रिय है। मंडुआ का आटा स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। इसे खाने से कई बीमारियों से मुक्ति मिलती है। मंडुआ के आटे में गेंहू का आटा मिलाकर उसका सेवन करना फायदेमंद होता है। मोटापा घटाने और पेट से जुड़ी कई बीमारियों को खत्म करने का काम मंडुआ का आटा करता है। मंडुआ में 80 प्रतिशत कैल्श्यिम की मात्रा पाई जाती है। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी इसे काफी अच्छा माना जाता है। आइये जानते है कि कैसे बनाई जाती है स्वाद और सेहत से भरपूर मंडुआ की रोटी।

Mandua ki Roti बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

मंडुआ या रागी का आटा – 300 ग्राम, गेंहू का आटा – 200 ग्राम, पानी – 2 कप, नमक – स्वादानुसार

ऐसे बनाई जाती है Mandua ki Roti

सबसे पहले एक बड़े बर्तन में मंडुआ और गेंहू का आटा मिलाया जाता है। इसके बाद बर्तन में स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह मिला लिया जाता है। फिर बर्तन में पानी डालकर उसे अच्छी तरह से गूंथा जाता है। आटा गूंथते समय ध्यान रखा जाता है कि आटा ज्यादा गीला न रहे, क्योंकि अगर आटा ज्यादा गीला रह गया तो रोटियां टूटने लगती हैं। कई लोग स्वाद के लिए आटे में कटे हुए प्याज भी मिलाते हैं। इसके बाद आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाकर रोटी बेली जाती है। रोटी को हल्की आंच पर गर्म किए हुए तवे पर रखा जाता है। इसके बाद एक साफ हल्के गीले कपड़े से दबाते हुए दोनों तरफ से अच्छी तरह सेंका जाता है। इसी तरह से बाकी रोटी भी तैयार की जाती है। इसे दही, सांभर या आचार के साथ परोसा जाता है। इन रोटियों को ढक्कर रखा जाता है ताकि इसमें नमी बनी रहे और यह सख्त न हो जाएं। इसे बटर या देसी घी के साथ भी खाया जा सकता है।

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Web Title recipe-of-mandua-and-ragi-ki-roti

(Himalayan Foods from The Himalayan Diary)

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