इन दिनों लाहौल स्पीति व मनाली के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रोहतांग, कुंजम, बाराचाला और शिंकुला दर्रे में दो से ढाई फीट तक बर्फ पड़ रही है।
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इस बार महिलाएं अर्घ्य देने के लिए किसी घाट, नहर या नदी में नहीं जा सकेंगी। उन्हें अपने घर में रहकर ही सूर्य का अर्घ्य देना पड़ेगा। वहीं छठ महापर्व पर आयोजित किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई है।
Chardham Yatra: बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, अब अप्रैल-मई में खुलेगी चारधाम यात्रा
by Team THDबदरीनाथ धाम से पहले सुबह के समय द्वितीय मद्यमहेश्वर केदार धाम के कपाट सुबह 7 बजे बंद कर दिए गए। इसके बाद बाबा की चल उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी के लिए रवाना कर दी गई।
बाबा केदार की डोली ओंकारेश्वर मंदिर में होगी विराजमान, चारधाम में से तीन धामों के कपाट हुए बंद
by Team THDकेदारनाथ धाम से पहले रविवार को गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे। इसके साथ ही यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए गए। इस तरह चार में से तीन धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं। चौथे धाम श्री बदरीनाथ के कपाट 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे।
Haridwar Mahakumbh : इस बार एक दिन में 55 लाख श्रद्धालु रोजाना लगा सकेंगे गंगा मैया में डुबकी
by Team THDहरिद्वार में कुल 63 स्नान घाट हैं। वहीं प्राइवेट घाटों की संख्या को मिलाकर 107 स्नान घाट हैं। इन सभी घाटों पर सोशल डिस्टेंसिंग के तहत स्नान की व्यवस्था की गई है। स्नान के दौरान 1.8 मीटर की दूरी एक दूसरे के बीच होनी चाहिए।
Lahaul and Spiti : पारा लुढकने से जमने लगी झीलें और झरने, बर्फ की चादर से ढक रहा रोहतांग
by Team THDइन दिनों पर्यटक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुंचकर साहसिक गतिविधियों जैसे पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग का लुत्फ भी उठा रहे हैं। बीते दिनों मनाली के आस पास के क्षेत्र में हुई बर्फबारी की वजह से यहां के पर्यटन कारोबार में बढ़ोत्तरी हुई है।
केदारनाथ धाम के पत्थरों से तीन महीने में 10 हजार शिवलिंग तैयार, घर ले जा सकेंगे बाबा के श्रद्धालु
by Team THDयह शिवलिंग काले व सफेद रंग के हैं, जिसके बीच में आशुतोष का त्रिशूल बनाया गया है। कंपनी की ओर से भविष्य में यह योजना बनाई जा रही है कि इस काम के लिए पीएम मोदी के लोकल फाॅर वोकल अभियान से युवाओं को जोड़कर उन्हें रोजगार दिलाया जाए।
साल 2005 में टिहरी बांध की झील के भरने की वजह से प्रतापनगर के आवागमन के रास्ते बंद हो गए थे। ऐसे में लोगों को लंबे रास्ते से सफर करना पड़ता था। प्रतापनगर के लोग 14 सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।
हरिद्वार में हरकी पैड़ी से चंडी देवी और ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट से नीलकंठ के लिए चलाया जाएगा रोपवे
by Team THDउत्तराखंड में भविष्य में रोपवे के निर्माण के साथ ही कई तीर्थ स्थलों पर मैट्रो के संचालन को लेकर भी विचार किया जा रहा है। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में रोपवे के संचालन को हरी झंडी मिल गई है।