बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद (Badrinath Dham Closed 2021) हो गए हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) का भी पूरी तरह से समापन हो गया है। सर्दियों के अगले छह महीने तक अब भगवान श्री बदनीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर और जोशीमठ में होगी। कपाट बंद होने के प्रक्रिया के दौरान पूरा धाम भगवान बदरीनाथ के जयकारों से गूंज उठा। बदरीनाथ धाम से पहले उत्तराखंड में चारधाम में से तीन की यात्रा का इसी महीने की शुरुआत में समापन हो गया था।
20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था बदरीनाथ धाम
कपाट बंद होने से पहले पूरे बदरीनाथ मंदिर को चारों तरफ से 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इनमें कमल, गेंदा और गुलाब के फूल व पत्तियां शामिल थीं। मंदिर के कपाट बंद होने के प्रक्रिया शाम 4 बजे से शुरू हुई। इससे पहले सुबह 6 बजे भगवान बदरीनाथ की अभिषेक पूजा के बाद 8 बजे बाल भोग लगाया गया था। दोपहर में 12:30 बजे श्री बदरीनाथ को भोग लगाया गया था। इसके बाद शाम को 4 बजे मां लक्ष्मी को बदरीनाथ गर्भगृह में स्थापित किया गया। साथ ही गर्भगृह से गरुड़ जी, उद्धव जी और कुबेर जी को बदरीश पंचायत से बाहर लाया गया। सभी धार्मिक परंपराओं के साथ शाम 6:45 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए।

Photo Source : Amar Ujala
पांडुकेश्वर के लिए निकलेगी यात्रा
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से माणा गांव की अविवाहित बालिकाओं के बुने हुए ऊन के कंबल पर घी का घृत लगाकर पहले भगवान बदरी विशाल को चढ़ाया गया। बदरीनाथ से उद्धव, कुबेर जी व शंकराचार्य जी की डोली यात्रा रविवार को पांडुकेश्वर के लिए जाएगी। इस बाद यात्रा सीजन में 1,97,056 यात्री बदरीनाथ धाम आए। कपाट बंदी उत्सव के दौरान 4,366 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। इस बार चारधाम यात्रा पर करीब पांच लाख रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे। जिनमें बदरीनाथ धाम में 1,97,056, केदारनाथ धाम में 2,42,712, गंगोत्री में 33,166 और यमुनोत्री में 33,306 तीर्थयात्री दर्शन के लिए आए थे।
इसी महीने बंद हुए थे बाकी तीन धामों के भी कपाट
इससे पहले इसी महीने 6 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। अगले छह महीने बाबा केदार के दर्शन व पूजा-अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी। इसी दिन मां यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। अगले छह महीने माता के पूजा खरसाली गांव में होगी। इससे एक दिन पहले ही मां गंगोत्री धाम के कपाट भी सर्दियों के लिए बंद हो गए थे। माता गंगा के शीतकाल में उनके मायके मुखवा (मुखीमठ) में पूजा-अर्चना होगी। चारधामों में से तीन के कपाट बंद होने के बाद अब बदरीनाथ धाम के कपाट भी बंद हो जाने के बाद इस साल की चारधाम यात्रा का पूरी तरह से समापन हो गया है।
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Web Title badrinath dham closed 2021
(Religious News from The Himalayan Diary)