हिमाचल प्रदेश एक बेहद ही खूबसूरत होलीडे डेस्टिनेशन है,जो देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करता है। हिमाचल में बर्फबारी, रोमांचक खेलों के साथ ट्रैकिंग का भी लुफ्त उठाया जा सकता है। घूमने या सैर-सपाटे की जब भी बात आती है तो शहरी आपाधापी से दूर पहाड़ों की आलाैकिक सुंदरता सब को अपनी ओर आकर्षित करती है। हिमालय की दिलकश, बर्फ से ढकी चोटियों, चारों ओर हरे भरे खेत, हरियाली और कुदरती सुंदरता के लिए सैलानी कांगड़ा से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धर्मशाला (Dharamsala Himachal Pradesh) को पर्यटन की दृष्टि से परफैक्ट डैस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है।
धर्मशाला शहर बहुत छोटा है और टहलते-घूमते इस क्षेत्र की सैर दिन में कई बार करना चाहेंगे। यह शहर दो हिस्सों में बंटा हुआ है। शहर के पहले हिस्से को लोअर धर्मशाला और दूसरे को अपर धर्मशाला कहा जाता है। धर्मशाला तीन ओर से धौलाधार पर्वत से घिरा है। तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने निर्वासन के समय से ही मैक्लोडगंज को उनका अस्थायी निवास बनाया गया है। धार्मिक भाव रखने वाले लोगों के लिए यह पसंदीदा जगह है। एडवेंचर खेलों की चाह रखने वालों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है।
वैसे तो यहां साल भर आ सकते हैं, पर सबसे उपयुक्त समय मार्च से जून और अक्टूबर से जनवरी है। इस दौरान यहां का मौसम काफी सुहावना होता है। धर्मशाला में देश का सबसे खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम मौजूद है। यह भारत का सबसे ऊंचाई पर स्थित स्टेडियम है। यहां 25 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। धौलाधर की पहाडियाें में ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग और रॉक क्लाइंबिंग के लिए धर्मशाला बेस पॉइंट है। अगर यहां के ट्रैकिंग ट्रेल्स की बात करें, तो धर्मशाला के आसपास त्रिउंड, करेरी लेक, आदि हिमानी चामुंडा देवी, मूनपिक पॉइंट आदि बेहतरीन जगहें हैं। ट्रैकिंग के दौरान धौलाधार और कांगड़ा वैली की हरियाली देखने लायक होती है।
मैक्लोडगंज : पहाड़ी पर बसा यह खूबसूरत टाउन धर्मशाला (Dharamsala Himachal Pradesh) से तकरीबन 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। इसका नाम ब्रिटिशकाल में पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर डोनाल्ड मैक्लोड के नाम पर पड़ा। गंज का अर्थ हिंदी व उर्दू में आस-पड़ोस होता है। तिब्बतियों की अधिकता के कारण मैक्लोडगंज को मिनी ल्हासा भी कहा जाता है। तिब्बती सर्वोच्च धर्मगुरू दलाई लामा का आवास भी यहीं है। तिब्बती कला व संस्कृति से रूबरू होने के लिए मैक्लोडगंज बेहतरीन जगह है।
कुनाल पथरी : धर्मशाला मेन बस स्टैंड से करीब तीन किमी दूरी पर स्थित कुनाल पथरी में ज्यादातर टूरिस्ट पैदल घूमते हुए आना पसंद करते हैं। यहां का मुख्य आकर्षण रॉक टेंपल है। धौलाधार पहाडिय़ों की मनोरम छटा में चाय बागानों के बीच स्थित शक्तिपीठ मां कुनाल पत्थरी मंदिर कपालेश्वरी के नाम से विख्यात है। मां कपालेश्वरी देवी मंदिर अनूठा और विशेष भी है। यहां पर मां के कपाल के ऊपर एक बड़ा पत्थर भी कुनाल की तरह विराजमान है। इसलिए इसे कुनाल पथरी के नाम से भी जाना जाता है।
सेंट जॉन चर्च : घने पेड़ों से घिरा यह चर्च 1863 में निर्मित हुआ था। चर्च से नड्डी की ओर बढऩे पर रास्ते में ही डल झील है। देवदार के वृक्षों से घिरा यह एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है। यह स्थान ब्रिटिश सरकार के समय में तत्कालीन वॉयसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड एल्गिन को काफी पसंद था। यहीं उनका निधन भी हुआ था। अगर आप धर्मशाला से मैक्लोडगंज जा रहे हैं, तो रास्ते में कुछ पल इस चर्च पर भी बिता सकते हैं। यहां प्राचीन चर्च के अलावा अंग्रेज वायसराय लार्ड एल्गिन का स्मारक भी है।
करेरी झील : अगर आप रोमांच के शौकीन हैं, तो इस झील तक जा सकते हैं। ओक और देवदार के पेड़ व झील के आसपास की हरियाली ट्रैकिंग के शौकीनों को अपनी और खींचती है। करेरी झील समुद्र तल से 2934 मीटर की ऊंचाई पर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। धौलाधार रेंज से पिघलती बर्फ इस झील को भरती है। धर्मशाला से 9 किमी की दूरी पर स्थित इस झील से एक सुंदर ट्रैकिंग मार्ग धौलाधार पर्वत के लिये निकलता है। इसका नाम पास के करेरी गांव पर पड़ा है, जो दक्षिण-पूर्व दिशा में 9 किलोमीटर दूर स्थित है। करेरी झील ट्रैक से धौलाधार पर्वत और मनकैनी पीक के शानदार दृश्य दिखते हैं। सैलानी घेरी से इस झील तक 3 किलोमीटर लंबी ट्रैकिंग कर यहां पहुंच सकते हैं।
कैसे पहुंचें धर्मशला
दिल्ली से सीधी वॉल्वो बस सेवा के अलावा सामान्य बस सेवाएं भी धर्मशाला के लिए उपलब्ध हैं। दिल्ली के अलावा, चंडीगढ़, जम्मू, शिमला से भी नियमित बस सेवाएं हैं। यहां का नजदीकी एयरपोर्ट कांगड़ा गग्गल में है। जिसकी यहां से दूरी करीब 15 किलोमीटर है। नजदीकी ब्रॉजगेज रेलवे स्टेशन पठानकोट है। जहां से धर्मशाला करीब 85 किलोमीटर की दूरी पर है। छोटी लाइन पर यहां से नजदीकी स्टेशन कांगड़ा में है। सड़क मार्ग से यहां चंडीगढ़, कीरतपुर होते हुए पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से धर्मशाला की दूरी लगभग 520 किलोमीटर है।
Dharamshala के आसपास के इन पर्यटन स्थलों के बारे में भी पढ़ें:
- Dharamshala के पास करेरी झील के खूबसूरत नजारे देखने गर्मियों रहती है पर्यटकों की भीड़
- धौलाधार के आंचल में बसे भागसू में देखने को मिलता है प्राकृतिक और धार्मिक खूबसूरती का संगम
- शारीरिक और मानसिक रूप से फायदेमंद है ट्रैकिंग, जानिए हिमाचल के टॉप 5 ट्रैकिंग रूट
Web Title beautiful-holiday-destination-dharamsala-himachal-pradesh
(For Latest Updates, Like our Twitter & Facebook Page)