तनावभरी जिंदगी और गलत खान-पान से अक्सर लोग शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार रहने लगते हैं। ऐसे में जीवन में नया रोमांच लाने और उत्साह भरने के लिए इन दिनों बड़ी संख्या में लोग ट्रैकिंग के लिए पहाड़ों के रुख करते हैं। ट्रैकिंग कई तरीकों से फायदेमंद है। इससे पहाड़ों और जंगलों में प्रकृति के करीब रहने और वन्यजीवों को देखने का मौका तो मिलता ही है, ट्रैकिंग से हमारे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और ह्रदय के साथ ही रक्तसंचार भी अच्छा बना रहता है। ट्रैकिंग हमारे तनाव को दूर कर हमें सुकून से भर देती है। हमारे देश में ट्रैकिंग के लिए हिमाचल प्रदेश एक बेहतरीन जगह है। यहां दुनियाभर से ट्रेकर्स पहुंचते हैं। अगर आप भी ट्रैकिंग का शौक रखते हैं तो हिमाचल प्रदेश (himachal pradesh) के इन पांच ट्रैक (best five treks) के बारे में जरूर जानिए।
यहां ट्रैकिंग करते हुए आपको ऐसा लगेगा जैसे आप चांद पर ट्रैकिंग के लिए निकले हो। यह ट्रैक बालू के घेरा पर जाकर खत्म होता है। यहां ट्रैकिंग के दौरान फूल, पक्षी और खूबसूरत नदियों के दीदार होते हैं। हालांकि बर्फबारी के बीच यहां ट्रैकिंग करना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन यह बेहद रोमांचक अनुभव प्रदान करती है। यहां आप ट्रैकिंग के साथ कैंपिंग और नेचर फोटोग्राफी का भी मजा ले सकते हैं।

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वैसे तो यह स्थान हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। यह जगह भगवान शिव के पंच कैलाशों में से एक है। लेकिन ट्रैकिंग के लिहाज से भी किन्रर कैलाश पर्वत बेहतरीन है। यहां ट्रैकिंग की शुरुआत सांगला से शुरू होती है और थांगी जाकर खत्म होती है। किन्नर कैलाश ट्रैक पर ट्रैकिंग करना बहुत ही रोमांचक होता है। हालांकि यहां ट्रैकिंग करना हर किसी के बस की बात नहीं है।
रिओ पुरगयिल पर्वत
समुद्री सतह से लगभग 6816 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह ट्रैकिंग रूट प्रदेश का सबसे ऊंचा ट्रैकिंग रूट है। हिमाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा पर स्थित इस रूट पर ट्रैकिंग करने के लिए आपको पहले इनर लाइन परमिट लेना होता है। इस ट्रैकिंग रूट की शुरुआत किन्नौर जिले के नाको गांव से होती है।
पिन पार्वती
ट्रैकिंग के साथ हिमाचल की वादियों का खूबसूरत नजारा देखना हो तो पिन पार्वती ट्रैक एक अच्छा विकल्प है। पार्वती वैली से शुरू होने वाला यह ट्रैक पिन वैली में खत्म होता है। हालांकि यह एक खतरनाक ट्रैक है और इसकी लंबाई लगभग 110 किलोमीटर है।
त्रिउंड (धर्मशाला)
इस ट्रैकिंग रूट पर विदेशी पर्यटक भी ट्रैकिंग करने के लिए पहुंचते हैं। 6 किलोमीटर लंबे इस ट्रैकिंग रूट की शुरुआत मेकलॉडगंज से होती है। इस रूट पर ट्रैकिंग के दौरान आप कांगड़ा की खूबसूरत वादियों को देख सकते हैं। खासबात यह है कि यहां बिना गाइड के भी आप परिवार के साथ ट्रैकिंग कर सकते हैं, जिसकी वजह से हिमाचल के सबसे बेहतरीन ट्रैक में एक (best treks in himachal) माना जाता है।
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Web Title best five treks in himachal pradesh
(Tourist Destinations from The Himalayan Diary)