अभी यह मंदिर पानी के ऊपर आधे ही दिख रहे हैं। जैसे जैसे गर्मी बढ़ने के साथ पौंग डैम का पानी कम होगा, मंदिरों की पूरी श्रृंखला बाहर आ जाएगी और लोग पैदल या दुपहिया से इन मंदिरों तक पहुंच सकेंगे।
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बीआरओ ने इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है। साउथ पोर्टल में धुंधी के पास यह टोल प्लाजा बनाया जाएगा। उम्मीद है कि इस बार की गर्मियों के सीजन के दौरान यहां टोल टैक्स वसूलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज घूमने आने वाले सैलानियों के लिए यह खबर रोमांचित…
आईआईटी मंडी और आईसीजीईबी के शोधकर्ताओं ने बुरांश की पंखुड़ियों में फाइटोकेमिकल्स की पहचान की है, जिनका इस्तेमाल कोविड संक्रमण के इलाज में किया जा सकता है। पंखुड़ियों के अर्क में काफी मात्रा में क्विनिक एसिड और इसके डेरिवेटिव पाए गए हैं।
सिर्फ आर्मी, पुलिस और इमरजेंसी सर्विस में शामिल गाड़ियों को ही यहां से आगे जाने के अनुमति होगी। जिला प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। साथ ही प्रशासन ने सैलानियों की सुविधा के लिए बनाई गई ऑनलाइन परमिट की वेबसाइट भी बंद कर दी है ।
कपाट बंद होने से पहले पूरे बदरीनाथ मंदिर को चारों तरफ से 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। इनमें कमल, गेंदा और गुलाब के फूल शामिल थे। मंदिर के कपाट बंद होने के प्रक्रिया शाम 4 बजे से शुरू हुई।
भारत सरकार का महत्वाकांक्षी बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन (Leh Rail Line) प्रोजेक्ट एक कदम और आगे…
केदारपुरी के दिगपाल भगवान भैरवनाथ का आह्वान कर विधि विधान से आरती उतारने के बाद ज्योतिर्लिंग को समाधि के रूप में भस्म के ढका गया।
बरसात में खतरे को देखते हुए यहां साहसिक खेलों पर लगाई गई सभी तरह की रोक हटा ली गई हैं। करीब दो महीने से कुल्लू-मनाली में सभी तरह की साहसिक गतिविधियों पर रोक थी।
कुल 125 चोटियों में 12 अभी ट्रैकिंग के लिए खुली हैं, जबकि दूसरी चोटियों को पर्वतारोहण की अन्य गतिविधियों के लिए खोला गया है। नई चोटियों के साथ ही पहले से खुली चोटियों के लिए होने वाले पर्वतारोहण अभियानों में परमिट तुरंत जारी होना है।