शिमला-मटौर फोरलेन बनने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को फायदा होगा। लोगों को सर्पीली सड़कों से छुटकारा मिलेगा। साथ ही शिमला से कांगड़ा जिला के मटौर की दूरी 43 किलोमीटर घट जाएगी।
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उत्तराखंड, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सरकारें अंतरराज्यीय बस सेवा को एक बार फिर से शुरू करने के लिए राजी हो गई हैं। पहले चरण में सरकार अंबाला तक बसें चलाएगी। दूसरे चरण में दिल्ली व अन्य राज्यों के लिए बसें चलाई जाएंगी।
हिमाचल की वादियों में अब लीजिए उड़ने का मजा, एडवेंजर टूरिज्म के शौकीनों के लिए शुरू हुई पैराग्लाइडिंग
by adminकोरोना संक्रमण की वजह से मार्च से पर्यटन विभाग ने साहसिक गतिविधि पैराग्लाइडिंग पर रोक लगा दी थी। पैराग्लाइडिंग पर लगी रोक को हटाने के बाद पैराग्लाइडरों में एक बार फिर से उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में सैलानी साहसिक पर्यटन के लिए राज्य में आएंगे।
लद्दाख में निम्मू-दारचा-लेह को जोड़ने वाले नए राजमार्ग को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। यह सड़क 280 किलोमीटर लंबी है। इस सड़क से जाने पर लोगों को 5 से 6 घंटे कम समय लगेगा। इस सड़क से कई छोटी छोटी सड़कों को जोड़ने का काम भी किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 10 सितंबर से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दे दी है। जिसके चलते प्रदेश के सभी शक्तिपीठ, प्रसिद्ध मंदिरों को खोल दिया गया है। सात महीने के बाद कमरूनाग मंदिर व शिकारी देवी मंदिर के भी कपाट खुल गए हैं।
पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि निगम के होटलों में ऑनलाइन बुकिंग शुरू होने से यह क्षेत्र एक बार फिर से पर्यटकों से गुलजार होगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही होटल व्यवसायियों को भी इससे सहारा मिलेगा।
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by adminइस टनल के बन जाने से लाहौल की मनाली से 47 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। इतना ही नहीं सालभर लाहौल-स्पीति जाने के लिए रास्ता भी खुला रहेगा। अभी तक केवल 6 महीने के लिए ही लाहौल स्पीति का संपर्क शेष दुनिया से रहता था। सर्दियों के दिनों में यह संपर्क टूट जाता था।
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by adminहोटल असोसिएशन की ओर से कोविड केयर सेंटर भी स्थापित करने की मांग की गई है। असोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर कोविड सेंटर की जरूरत पड़ेगी। मनाली और आसपास में कोई भी कोविड सेंटर नहीं है।
अद्भुत खूबसूरती और खजियार की तरह दिखने के कारण देवीदढ़ को मिनी खजियार भी कहा जाता है। यहां जंगल के बीचो बीच एक बहुत पुराना पुल है, जो दिखने में बहुत ही ज्यादा आकर्षक है।देवीगढ़ ट्रेक के रास्ते में जंजैहली, शिकारी देवी, कमरुनाग जैसे लोकप्रिय जगहें भी हैं। देवीदढ़ की जलवायु पूरे साल बहुत ठंडी रहती है। इस घाटी में भारी बर्फबारी होती है। यही कारण है कि देवीदढ़ आने का सबसे सही समय गर्मियों का मौसम होता है।