देश में लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (chaardham yatra) शुरू कर दी गई है और साथ ही सभी धामों के कपाट भी धीरे-धीरे खोल दिए गए हैं। पंचकेदारों में से केदारनाथ धाम, मद्महेश्वर, रुद्रनाथ के कपाट पहले ही खुल चुके हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड (uttarakhand) के चमोली जिले में स्थित बाबा तुंगनाथ धाम (tungnath dham) के कपाट (portals) भी 20 मई को भक्तों के लिए खोल दिए गए (opened) हैं। पंच केदारों में कल्पेश्वर महादेव ही एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसके कपाट साल भर खुले रहते हैं और यहां भक्त भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
समुद्र तल से 3460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा तुंगनाथ का मंदिर विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव का मंदिर है। यह मंदिर 1000 साल पुराना है। तुंगनाथ धाम के कपाट परंपरानुसार वेद मंत्रोच्चारण के बीच विधि-विधान से 20 मई को 11:30 बजे कर्क लग्न में खोले गए। जिसके बाद बाबा तुंगनाथ की श्रीमूर्ति को गर्भगृह में विराजमान किया गया। इसके साथ ही धाम में अराध्य की ग्रीष्मकालीन पूजा-अर्चना शुरू हो गई। वहीं, तुंगनाथ मंदिर में भगवान तुंगनाथ का पहला रुद्राभिषेक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से संपन्न कराया गया।
मंदिर को सजाया दस क्विंटल फूलों से
अन्य मंदिरों की परिक्रमा के बाद डोली धाम के परिसर में पहुंची। पंच पुरोहितों ने पंचांग पूजन के साथ तृतीय केदार की महाभिषेक पूजा की गई। इसके बाद मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए। उनके हाथों छह माह की पूजा-अर्चना का संकल्प कराया गया। पंच पुरोहित ने मंदिर के गर्भगृह में वेद-मंत्रोच्चारण के साथ बाबा तुंगनाथ को समाधि से जागने का आह्वान किया। पूरे मंदिर परिसर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
सभी धामों के कपाट खुले
उत्तराखंड के चार धामों में गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट 26 अप्रैल, केदारनाथ धाम के कपाट 29 और बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खोले गए हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 11 मई और चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट 18 मई को खुले। इसके साथ ही उत्तराखंड के सभी मठ-मंदिरों के कपाट खुल चुके हैं। हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस साल भक्तों की भीड़ देखने को नहीं मिली। लॉकडाउन के कारण सीमित लोगों और सोशल डिस्टेंस के साथ ध्यान देते हुए रावल और पुजारी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
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Web Title chaardham yatra 2020 tungnath dham portals opened