उत्तराखंड (uttarakhand) में तीर्थ स्थलों के विकास कार्य पर तेजी से ध्यान दिया जा रहा है। आगामी दिनों में हरिद्वार (haridwar) में हर की पैड़ी से चंडी देवी तक के लिए रोपवे (ropeway) का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही ऋषिकेश (rishikesh) में त्रिवेणी घाट से नीलकंठ के लिए भी रोपवे के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। हरिद्वार और ऋषिकेश में रोपवे का काम पूरा होने से तीर्थ नगरी को पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी फायदा मिलेगा। इन तीर्थ स्थलों में रोपवे से यात्रा करना रोमांच से भरपूर होगा।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार हरिद्वार में रोपवे के निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसकी लंबाई लगभग 5 किलोमीटर तक की होगी। वर्तमान में चंडी देवी तक जाने के लिए जो रोपवे है, वह नजीबाबाद रोड पर काफी आगे जाकर मिलता है। इस रोपवे के निर्माण से हरिद्वार घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों को अलग से वाहन नहीं करना पड़ेगा। हरकी पैड़ी पर रोपवे के निर्माण से श्रद्धालुओं के लिए चंडी देवी के दर्शन करना काफी आसान हो जाएगा।
इसके साथ ही ऋषिकेश में भी त्रिवेणी घाट से नीलकंठ तक रोपवे के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ऐसा होने पर तीर्थ नगरी में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत मिल जाएगी। कैबिनेट मंत्री के अनुसार ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर को रोपवे से जोड़ने के लिए त्रिवेणी घाट को उपयुक्त समझा गया। इसके लिए रेलवे स्टेशन से लेकर रोडवेज बस स्टैंड तक का निरीक्षण किया गया था। आगामी दिनों में अधिकारियों की ओर से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
उत्तराखंड में भविष्य में रोपवे के निर्माण के साथ ही कई तीर्थ स्थलों पर मैट्रो के संचालन को लेकर भी विचार किया जा रहा है। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में रोपवे के संचालन को हरी झंडी मिल गई है। अब टेंडर प्रक्रिया शुरू होते ही तेजी से काम शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। ऐसा होने पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी भी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। वह रोपवे के जरिए सुगमता से अपना सफर कर सकेंगे और पहाड़ों की सुंदरता को निहार सकेंगे।
Uttarakhand में इन जगहों के बारे में भी जानें
- मां कंसमर्दिनी ने पहले ही कर दी थी कंस की मृत्यु की आकाशवाणी, बिजली बनकर हो गईं थी गायब
- रुद्रप्रयाग में है सिद्ध पीठ श्री कालीमठ मंदिर, यहां आज भी महसूस होता है मां काली के होने का एहसास
- इस मंदिर में चोरी करने पर पूरी होती है मनोकामना, 51 शक्तिपीठों में से एक है चूड़ामणि देवी मंदिर
Web Title haridwar rishikesh ropeway will be built
(Religious News from The Himalayan Diary)