उत्तराखंड में इन दिनों भारी बर्फबारी हो रही है, कई जगह तापमान माईनस में पहुंच गया है। बर्फबारी के कारण नीती घाटी (Niti Valley) के टिम्मरसैंण महादेव मंदिर (timmersain mahadev temple) पर प्राकृतिक शिवलिंग (natural shivling) का निर्माण हो गया है। स्थानीय लोग टिम्मरसैंण महादेव मंदिर (timmersain mahadev temple) पहुंचकर बाबा बर्फानी के दर्शन और पूजा कर रहे हैं। टिम्मरसैंण महादेव मंदिर उत्तराखंड के चमौली जिले में भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित नीती घाटी का अंतिम शिवालय है।
स्थानीय युवाओं ने ली पहली तस्वीर
दरअसल कोरोना संकट के कारण लगे प्रतिबंधों के चलते इन दिनों पर्यटक व श्रद्धालु टिम्मरसैंण महादेव मंदिर नहीं पहुंच पा रहे हैं। हाल ही में स्थानीय युवाओं का एक दल टिम्मरसैंण महादेव मंदिर पहुंचा था, जहां उन्हें बाबा बर्फानी के दर्शन हुए। इन्ही युवाओं ने इस वर्ष सबसे पहले बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर ली।

Photo Source – Amar Ujala
हर साल पहुंचते हैं श्रद्धालु
हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु टिम्मरसैंण महादेव मंदिर में प्राकृतिक रूप से बने बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। स्थानीय लोग बाबा के दर्शन कर पाने के कारण खुद को बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं। स्थानीय लोग इस गुफा को ‘बबुक उडियार’ कहते हैं। यहां हर साल सर्दियों में पहाड़ी से टपकने वाला पानी बर्फ बनकर शिवलिंग का आकार ले लेता है। सर्दियों में शिवलिंग आकार लेना शुरू करता है जो अप्रैल महीने तक रहता है। आमतौर पर यहां 4-5 शिवलिंग का निर्माण होता है। कई बार बर्फबारी अच्छी होती है, तो शिवलिंग की ऊंचाई तकरीबन पांच फुट तक पहुंच जाती है।
शुरू हो सकती है टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा
प्रशासन इस साल फरवरी में टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा शुरू करने पर विचार कर रहा है। प्रदेश के पर्यटन मंत्री भी कह चुके हैं कि टिम्मरसैंण महादेव को पर्यटन विभाग की मदद से यात्रा से जोड़ने के लिए जल्द ही कदम उठाया जाएगा। यात्रा का उद्देश्य क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना है। यहां आने वाले यात्रियों के लिए होम स्टे योजना भी शुरू की जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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Web Title natural shivling in timmersain mahadev temple in niti valley
(Religious News from The Himalayan Diary)