हिमाचल प्रदेश (himachal pradesh) के कुल्लू (kullu) में 25 अक्तूबर से शुरू होने जा रहे विश्व प्रसिद्द सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव (kullu dussehra festival) में हर साल 200 से भी ज्यादा देवी-देवता शामिल होते हैं। लेकिन इस वर्ष कुल्लू दशहरा उत्सव में सात देवी-देवताओं को ही भगवान रघुनाथ की रथयात्रा (Lord Raghunath Rath Yatra) में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा जा रहा है। साथ ही रथयात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी कुछ नियम जारी किए गए हैं।
बैठक में लिया गया निर्णय
बता दे कि इस बार कोरोना संकट के कारण कुल्लू दशहरा उत्सव का आयोजन भव्य तरीके से नहीं किया जा रहा है। ऐसे में उत्सव के आयोजन की रुपरेखा तैयार करने के लिए हिमाचल के शिक्षा मंत्री एवं दशहरा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष गोविंद ठाकुर की अध्यक्षता में देवसदन के सभागार में सभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में उत्सव से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
50 श्रद्धालु ही होंगे शामिल
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार इस वर्ष कुल्लू दशहरा उत्सव में देवताओं के रथ के साथ महज 50 लोग ही रह सकेंगे। इसके अलावा देवता ढालपुर में जहां अपने शिविर में रुकेंगे, वहां रात में महज 10 लोग ही रुक सकेंगे। कुल्लू दशहरा उत्सव के पहले दिन भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा निकलेगी। रथयात्रा में एक देवता के साथ महज 15 लोग ही रह सकेंगे। इसके अलावा रथयात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों को अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा।

Source – Zee News
देवी-देवताओं को निमंत्रण नहीं
इस बार कुल्लू दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए दशहरा उत्सव कमेटी की ओर से देवी-देवताओं को निमंत्रण नहीं भेजा जाएगा। साथ ही देवताओं को नजराना भी नहीं दिया जाएगा। उत्सव के दौरान सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा। उत्सव के दौरान ना तो बाजार सजेगा, ना ही किसी भी तरह के कार्यक्रम होंगे।
सैकड़ों करोड़ का व्यापार प्रभावित
कोरोना संकट के कारण कुल्लू दशहरा उत्सव सूक्ष्म तरीके से मनाने से सैकड़ों करोड़ का व्यापार प्रभावित होगा। उत्सव में देश-भर से तीन हजार से अधिक व्यापारी शामिल होते हैं और सैकड़ों करोड़ का व्यापार होता है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। कुल्लू दशहरा उत्सव से समिति को करीब दस करोड़ रुपये की आय होती है।
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Web Title only seven deities will join kullu dussehra festival in himachal
(Religious News from The Himalayan Diary)