हिमाचल प्रदेश में ऊना के पास पड़ने वाले गांव अंबोटा को एक समय गुरू द्रोणाचार्य की नगरी कहा जाता था, जो कि वर्तमान में शिवबाड़ी मंदिर (Shivbadi Temple Una) के नाम से प्रसिद्ध है। एक समय ऐसा भी था, जब यहां भगवान शिव बालरूप में रोज खेलने के लिए आया करते थे। गुरू द्रोणाचार्य को भी इस बात की जानकारी काफी समय बाद हुई। इस नगरी के बारे में मान्यता है कि इसे पांडवों के समय पर स्थापित किया गया था। यहीं पर वह पांडवों को धनुर्विद्या सिखाते थे।
मान्यता है कि गुरू द्रोणाचार्य रोज यहां से कैलाश पर्वत पर भगवान शिव की आराधना के लिए जाया करते थे। इसी दौरान उनकी बेटी, जिसका नाम जज्याति था, वह पिता के साथ जाने के जिद करने लगी। जिस पर गुरू द्रोण ने बेटी जज्याति को घर पर ही रहकर भगवान शिव की आराधना करने के लिए कहा। उनकी बेटी ने घर पर रहकर ही शिवलिंग बनाकर भगवान की आराधना शुरू कर दी। बेटी की निश्चल भावना से जल्द भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो गए और वह रोजाना गुरू द्रोण की बेटी के पास कुछ समय के लिए खेलने पहुंच जाते थे। एक दिन यह बात जज्याति ने अपने पिता को बताई।
यह सुनकर गुरू द्रोणाचार्य अगले दिन आराधना करने के लिए नहीं गए, बल्कि वह घर के पास ही छिप गए। उन्होंने छिपकर अपनी बेटी को एक बच्चे के साथ खेलते हुए देखा। उस बच्चे में आलौकिक प्रकाश निकल रहा था, जिसे देखते ही वह समझ गए कि यह स्वयं भगवान शिव हैं। वह तुरंत उनके पास पहुंच गए और भगवान के पैर पकड़ लिए। जिस पर भगवान शिव ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए। भगवान ने कहा कि उन्हें यह बच्ची श्रद्धा से बुलाती थी, इसलिए वह रोज खेलने के लिए आ जाते थे। इसी बीच जज्याति ने भगवान शिव से प्रार्थन करते हुए वहीं रहने के लिए कहा। जिस पर भगवान शिव ने पिंडी की स्थापना करते हुए वचन दिया कि वह हर साल बैसाखी के दूसरे शनिवार यहां पर आया करेंगे और सदैव यहां विराजमान रहेंगे।
शिवबाड़ी में गुरू द्रोणाचार्य सहित कई महात्माओं ने तप किया है। यहां आज भी कई साधुओं की समाधियां बनी हुई हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि शिवबाड़ी में पहले प्रेतों का वास था। यहां बलदेव गिरी जी महाराज ने काफी तप किया और अपने मंत्रों से कील दिया। इस मंदिर में खासतौर से महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते हैं।
कैसे पहुंचें शिवबाड़ी मंदिर
सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुंचने के लिए हिमाचल प्रदेश में ऊना तक का सफर तय किया जा सकता है। यहां से 39 किलोमीटर की दूरी पर अंबोटा में शिव मंदिर है। रेल मार्ग से भी सीधे ऊना तक पहुंचा जा सकता है। यहां से आगे का सफर सड़क मार्ग से तय करना होगा। अगर हवाई यात्रा करना चाहते हैं, तो पहले चंडीगढ़ तक हवाई जहाज से पहुंचा जा सकता है, यहां से 125 किलोमीटर की दूरी पर ऊना पडता है।
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Web Title shivbadi-temple-is-established-in-village-ambota-near-una-in-himachal-pradesh
(Religious Places from The Himalayan Diary)
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