मां स्वस्थानी मंदिर में पूरी होती है सभी की मनोकामनाएं, कही जाती हैं विश्वास और आस्था की मूर्ति

Swasthani Mata Temple

हिमाचल प्रदेश घूमने-फिरने के साथ धार्मिक आस्था के लिए भी जाना जाता है। हिमाचल के कांगड़ा जिले के गांव रक्कड़ की एक पहाड़ी पर मां स्वस्थानी का मंदिर (Swasthani Mata Temple) है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जिस वजह से यहां श्रद्धालु दूर-दूर से मन्नत मांगने के लिए आते हैं। मां स्वस्थानी के बारे में एक कथा (Swasthani Katha) प्रचलित है। कहा जाता है कि हिंदू धर्म में अनेक व्रतों के बारे में बताया गया है, जिसका भक्त पूरी श्रद्धा के साथ पालन करते हैं।

कहा जाता है कि माता सती के शरीर त्यागने के बाद उन्होंने गिरिराज हिमालय के यहां जन्म लिया था। माता स्वस्थानी बचपन से ही रेत का शिवलिंग बनाकर खेलती थीं और उसकी पूजा किया करती थीं। जब उनके विवाह की बात चली तो माता घर छोड़ कर तपस्या करने चली गईं। माता की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें दर्शन देकर उनके मन की बात जाननी चाही और उपदेश दिया कि यदि तुम मुझे पति रूप में पाना चाहती हो, तो इसका उपाय भगवान विष्णु ही बता सकते हैं। जिसके बाद माता ने भगवान विष्णु की पूजा करना शुरू कर दी। माता की भक्ति से खुश होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और बोले, हे पार्वती! मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूं। बताओ, क्या मांगना चाहती हो।

इस पर पार्वती माता ने कहा कि प्रभु. आप जानते हैं कि मैं महादेव जी को पति रूप में पूजती हूं। ऐसे में मुझे कोई उपाय बताए जिससे मैं महादेव को पति रूप में पा सकती हूं। तब भगवान विष्णु ने कहा कि आज मैं तुम्हें एक ऐसे व्रत के बारे में बताऊंगा, जो इस संसार में सब व्रतों से उत्तम है। इस व्रत को करने से मनुष्य को इतना फल मिलता है कि वो इस लोक में ही उसका सुख नहीं भोगता, अपितु मृत्यु के बाद भी शिवलोक में स्थान ग्रहण करता है। यही व्रत श्रीस्वस्थानी माता जी का व्रत है। जिसके बाद से माता श्रीस्वस्थानी की पूजा की जाती है।

कैसे पहुंचें Swasthani Mata Temple

दिल्ली से कांगड़ा की दूरी 455 किलोमीटर है। यहां तक बस और रेलमार्ग द्धारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। जिसके बाद कांगड़ा से मां स्वस्थानी मंदिर तक पहुंचने के लिए किसी भी लोकल परिवहन या टैक्सी के द्धारा आसानी से रक्कड़ पहुंचा जा सकता है, जो मात्र 56 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके अलावा रेल मार्ग से पंजाब के होशियारपुर तक आकर आगे करीब 56 किलोमीटर सड़क मार्ग से भी इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा ऊना-अम्ब होते हुए भी इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

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Web Title swasthani-mata-temple-in-rakkad-himachal

(Religious Places from The Himalayan Diary)

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