फुट्टा सौर ट्रैक के लिए मनाली से करीब 15 किलोमीटर पहले पतलीकुहल नाम की जगह पर उतरना पड़ता है। उसके बाद वहां से हरीपुर नाम के गांव के लिए गाड़ी लेनी पड़ती है। यहां से कुछ दूरी पर स्थित सॉय्ल नाम के गांव से फुट्टा सौर माउंटेन के लिए ट्रैक शुरू होता है।
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अभी यह मंदिर पानी के ऊपर आधे ही दिख रहे हैं। जैसे जैसे गर्मी बढ़ने के साथ पौंग डैम का पानी कम होगा, मंदिरों की पूरी श्रृंखला बाहर आ जाएगी और लोग पैदल या दुपहिया से इन मंदिरों तक पहुंच सकेंगे।
बीआरओ ने इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है। साउथ पोर्टल में धुंधी के पास यह टोल प्लाजा बनाया जाएगा। उम्मीद है कि इस बार की गर्मियों के सीजन के दौरान यहां टोल टैक्स वसूलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज घूमने आने वाले सैलानियों के लिए यह खबर रोमांचित…
सिर्फ आर्मी, पुलिस और इमरजेंसी सर्विस में शामिल गाड़ियों को ही यहां से आगे जाने के अनुमति होगी। जिला प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। साथ ही प्रशासन ने सैलानियों की सुविधा के लिए बनाई गई ऑनलाइन परमिट की वेबसाइट भी बंद कर दी है ।
बरसात में खतरे को देखते हुए यहां साहसिक खेलों पर लगाई गई सभी तरह की रोक हटा ली गई हैं। करीब दो महीने से कुल्लू-मनाली में सभी तरह की साहसिक गतिविधियों पर रोक थी।
The Government of Himachal Pradesh declared Paragpur a heritage village in 1997. It is believed that this village was established nearly three centuries ago.
Besides Kinner Kailash, Sangala valley is also the major centre of attraction here. Situated on the bank of the Baspa river, this area is located at an altitude of 8900 ft from the sea level.
It is believed that Baba Banwari Das, the saint used to live with his companion Nahar at the particular place where this castle was built. Nahar means ‘ do not hit ‘ and probably this town has got its name from the word Nahar.
हिमाचल पथ परिवहन निगम ने फिलहाल ट्रायल के तौर पर 7 बसों का संचालन शुरू किया है। आने वाले समय-समय में जैसे-जैसे बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे-वैसे लग्जरी बसों की संख्या भी बढाई जाएगी।