सदिर्यों के समय बर्फबारी के कारण यहां का तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है, जिस वजह से यहां बेहद ठंड पैदा होती है। भारी बर्फबारी के कारण पहाड़ से टपकने वाला पानी बर्फ का रूप ले लेता है और फिर यह शिवलिंग का रूप ले लेता है।
lord shiva
Dedicated to Lord Shiva, the sacred religious place of Tadkeshwar Mahadev is situated in the Lansdowne area of Tehri Garhwal district of Uttarakhand at an altitude of 2,092 metres. Being one of the Sidha Peethas and famous temples of Uttarakhand, thousands of Hindus come to offer prayers at Tadkeshwar Mahadev every year. Devotees believe that Tadkeshwar Mahadev fullfills every wish.
It is said that Lord Visnu had performed all the matrimonial rites as Mata Parvati’s brother in this marriage; where as Lord Brahma had performed the duty of priest.
अघंजर महादेव मंदिर को लेकर मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां आए थे। इस दौरान पांडु पुत्र अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर यहां भगवान शिव की तपस्या की थी और उनसे एक अस्त्र प्राप्त किया था।
सोमवार को प्रदेश के कुल्लू के आनी से इस दुर्गम यात्रा की शुरूआत हो गई है। आमतौर पर 15 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा इस साल 15 जुलाई से 25 जुलाई तक आयोजित की जा रही है।
मंदिर में एक पवित्र ज्योति है जो सालों से जल रही है। मंदिर के गर्भ गृह से पानी की एक धारा भी निकलती है, लेकिन वह कहां से निकलती है और वह कहां जाती है यह आज तक पता नहीं चल पाया है। दिलचस्प बात है कि महासू देवता के मंदिर में हर साल राष्ट्रपति भवन से नमक आता है।
ब्रह्मकूट पर्वत पर है श्री भुवनेश्वरी सिद्धपीठ, महादेव के लिए माता सती ने यहां की थी तपस्या
by THD Teamभौन गांव प्रकृति की गोद में बसा एक मनोरम पहाड़ी गांव है। इसके मध्य में श्री भुवनेश्वरी सिद्धपीठ स्थित है। यहां माता भुवनेश्वरी का रूप लाल बजरंगी के रूप में प्रदर्शित है। यह धार्मिक स्थल क्षेत्र में स्थित करीब आठ गांवों के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।