कुल 125 चोटियों में 12 अभी ट्रैकिंग के लिए खुली हैं, जबकि दूसरी चोटियों को पर्वतारोहण की अन्य गतिविधियों के लिए खोला गया है। नई चोटियों के साथ ही पहले से खुली चोटियों के लिए होने वाले पर्वतारोहण अभियानों में परमिट तुरंत जारी होना है।
Uttarakhand Tourism
विदेशों में मोटर कैरावैन का कांसेप्ट खूब प्रचलित है। सैलानी ऐसे वाहनों से सैर पर जाते हैं और प्राकृतिक नजारों का दीदार करने के बाद इन्हीं में रहते भी हैं। अब उत्तराखंड में भी इसी के तर्ज पर नई शुरुआत होने जा रही है।
चंडी चौक फ्लाईओवर का निर्माण कार्य महज 11 महीने में पूरा किया गया है। एनएचआई ने 23 करोड़ की लागत से 900 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण किया है।
फिश एंगलिंग के लिए जिला पर्यटन विभाग और मत्स्य पालन विभाग द्वारा योजना तैयार की गई है। विभाग ने फिश एंगलिंग के लिए जिले में अलकनंदा, नंदाकिनी, रामगंगा, निगोल नदी और पिंडर नदी का चयन किया है।
हिमाचल प्रदेश और लद्दाख की तर्ज पर उत्तराखंड में भी स्नो लेपर्ड टूर का आयोजन करने का मकसद हिम तेंदुओं को पर्यटन से जोड़ना है। अभी प्रयोग के तौर पर उत्तरकाशी में चार टूर आयोजित किए जा रहे हैं।
इसके तहत जिलासू में अलकनंदा नदी पर एलिवेटेड ग्लास प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जबकि बदरीनाथ हाईवे पर स्थित लंगासू में रीवर व्यू विकसित किया जाएगा।
क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर नैनीताल में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटक इस दौरान अपने परिवार के साथ छुट्टी बिताने आते हैं। इन मौकों पर नैनीताल के बाजारों में काफी भीड़ भी देखने को मिलती है।
नीती घाटी का यह इलाका इस समय बर्फ से ढका है। अगले साल मार्च के महीने में बर्फ पिघलने लगेगी, जिसके बाद सीमा सड़क संगठन मलारी से नीती गांव तक सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू कर देगा।
विंटर लाइन एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है। जो आमतौर पर स्विट्जरलैंड, केपटाउन और अफ्रीका में यह नजारा देखने को मिलता है। इन दिनों विंटर लाइन का खूबसूरत नजारा मसूरी में भी दिखाई दे रहा है।
साल 2005 में टिहरी बांध की झील के भरने की वजह से प्रतापनगर के आवागमन के रास्ते बंद हो गए थे। ऐसे में लोगों को लंबे रास्ते से सफर करना पड़ता था। प्रतापनगर के लोग 14 सालों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।