काफी लंबे समय की मांग के चलते केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए रूद्रप्रयाग (rudraprayag) में सुरंग (tunnel) को डबल लेन (double lane) किए जाने पर विचार-विर्मश शुरू हो गया है। रूद्रप्रयाग स्थित यह सिंगल लेन सुरंग 1960 के दशक में बनाई गई थी। पर्यटन को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय में वाहनों की भारी भीड़ को देखते हुए इस सुरंग में बनी सिंगल लेन के स्थान पर डबल लेन करने के लिए एनएचएआई ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा था। जिसके बाद टीएचडीसी ने टीम गठित कर सुरंग का सर्वेक्षण भी करवाया जा चुका है। बता दें कि सुरंग के सर्वे के लिए केंद्र की तरफ से उत्तराखंड को 12 लाख रुपये भी स्वीकृत किए जा चुके हैं।
बता दें कि 60 के दशक में गौरीकुंड हाईवे पर केदारघाटी और केदारनाथ धाम को जोड़ने के लिए इस सुंरग का निर्माण किया गया था। इसके बाद काफी लंबे अरसे से सुरंग की देख-रेख न होने के कारण वर्तमान में स्थिति काफी खराब हो चुकी है। सुरंग पर लगाई गई सीमेंट की ईटें भी टूट रही हैं, जिससे यहां से गुजरने वाले वाहनों को हर समय खतरा बना रहता है। इससे पहले कई बार यात्रा शुरू होने से पहले खराब हो चुके सुरंग के हिस्से को ठीक करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन इसके बाद भी स्थिति वैसी की वैसी बनी हुई है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के अनुसार सुरंग के चौड़ीकरण के अलावा 900 मीटर लंबी सुरंग का भी निर्माण किया जाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके लिये प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। इस पर उनका कहना है कि सुरंग का नवनिर्माण हो जाने से बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री रुद्रप्रयाग बाजार के रास्ते से नहीं गुजरना पड़ेगा। इससे यात्रा के समय आम नागरिकों को भी आने-जाने में सुविधा रहेगी। इससे खास तौर पर रुद्रप्रयाग बजार में जाम देखने को नहीं मिलेगा। पर्यटन के लिहाज से भी इसे एक अच्छी पहल माना जा रहा है।
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