मराड़ में एक फटा हुआ पत्थर है। जिसमें सांप दिखाई देते है। जब पशाकोट मराड़ से नदी में ढोल नगाड़े के साथ टिक्कन वापिस आते हैं तो स्थानीय लोगों को ढोल नगाड़े की आवाज तो सुनाई देती है लेकिन कुछ दिखाई नहीं देता। कुछ लोगों को देव पशाकोट सांप के रूप में दर्शन भी देते हैं।
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joginder nagar
भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों स्वरूपों के दर्शन होते है। ईशान, तत्पुरुष, अघोर, वामदेव तथा सद्योजात यह भगवान शिव की पांच मूर्तियां है यही उनके पांच मुख कहे जाते हैं।
प्रत्येक सोमवार तथा खासकर नागपंचमी के दिन भी सर्प दोष से पीड़ित श्रद्धालु इस धार्मिक स्थल पर पहुंचते हैं और यहां चांदी से बना हुआ नाग और नागिन का जोड़ा चढ़ाते हैं।