इसमें पनीर के पीस को डीप फ्राई करके दूध की ग्रेवी और खड़े मसालों के साथ पकाया जाता है। इसे दम आलू, उबले चावल और मूली की चटनी के साथ सर्व किया जाता है।
Himalayan Foods
उत्तराखंड के कुमाऊं में उड़द की दाल से बनाया जाने वाला कुमाऊंनी ‘दाल बड़ा’ यहां बनाए जाने वाले कई स्नैक्स में से एक हैं। यह उत्तराखंडी थाली की एक स्पेशलिटी है।
इसे गेहूं के आटे, घी और नारियल के मिश्रण से बनाया जाता है। यह खाने में स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है। ये बाहर से कुरकुरा और अंदर से मुलायम होता है।
गर्मी के मौसम में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में इसके फूल खिलते हैं। पहाड़ी इलाकों में लोग बुरांश के फूलों का जूस बनाकर पीते हैं, जो गर्मियों में बहुत लाभकारी होता है।
देश के पहाड़ी इलाकों में सर्दियों के मौसम में इसे खाया जाता है। इसे सब्जी के तौर पर, अचार के तौर पर या फिर सलाद या बाकी सब्जियों के साथ मिक्स करके खाया जा सकता है।
बडील एक डीप फ्राई कुमाऊं स्नैक है जिसे दाल, अदरक, मिर्च, लहसुन, ताजे धनिया और गरम मसाले के साथ बनाया जाता है। यह स्वाद में कबाब जैसे अन्य उत्तर भारतीय स्नैक्स को कड़ी टक्कर देता है।
कचनार एक प्रकार की औषधि है जो हिमाचल में निचले क्षेत्र में अधिकतर जगह में पाई जाती है। स्थानीय भाषा में इसे ‘कराले’ भी कहते हैं। इसे खाना सेहत के लिए काफी गुणकारी होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी भी गुच्छी के मुरीद रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जब भी हिमाचल प्रदेश आते थे तो गुच्छी की सब्जी को जरुर खाते थे।
रतालू की सब्जी (ratalu ki sabji) हिमाचल प्रदेश (himachal pradesh) की देसी रेसिपी (recipe) है। पहाड़ों पर इसे ख़ास तौर पर बनाया जाता है। हिमाचल में इसे तरडी भी कहा जाता है।
मंकर संक्रति पर हिमाचल में खिचड़ी बनाने का रिवाज है। घी के साथ बनाई जाने वाली हिमाचली खिचड़ी हिमाचली खिचड़ी स्वाद और सेहत से भरपूर होती है।