उत्तराखंड की पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजन है कंडाली का साग, इसमें छिपा है सेहत का राज

Kandali ka Sag

देवभूमि उत्तराखंड न केवल अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की संस्कृति और खानपान भी सैलानियों में काफी लोकप्रिय है। उत्तराखंड के पसंदीदा व्यंजनों में से एक कंडाली का साग (Kandali ka Sag) भी है। इसे कंडाली के पत्तों की मदद से बनाया जाता है। कंडाली के पत्तों को स्थानीय लोग बिच्छू घास के रूप में पहचानते हैं। इसे गढ़वाल इलाके में कंडाली और कुमाऊं में सिसूंण कहा जाता है। कंडाली की साग खाने में बहुत स्वादिष्ट और सेहतभरी होती है। यह हरी पत्तेदार सब्जी पकाने में बहुत आसान है।

कंडाली का साग बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

कंडाली की साग – एक किलो, जखिया या जीरा – 20 ग्राम, सरसों का तेल – 30 मिली, लाल मिर्च – तड़के के लिए, नमक – स्वादानुसार

कैसे बनाई जाती है स्वादिष्ट कंडाली की साग

इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाई में कंडाली के नर्म और छोटे पत्तों को पानी में अच्छी तरह से उबाला जाता है। पत्तों को अच्छी तरह से उबालने के बाद अतिरिक्त पानी और पत्तों को एक दूसरे से अलग किया जाता है। इसके बाद कढ़ाई में तेल गर्म करके उसमें जीरा डालते हैं। फिर कंडाली के उबले हुए पत्तों को कढ़ाई में डालकर भूना जाता है। पत्तों को अच्छी तरह से भूनने के बाद उसमें स्वादानुसार नमक और लाल मिर्च मिलाई जाती है। अब इसे गर्मा-गर्म सर्व किया जाता है। तो कुछ इस तरह से तैयार होती है उत्तराखंड की प्रसिद्द कंदली की साग। इसे चाहें तो रोटी के साथ खाया जा सकता है या चावल के साथ भी लिया जा सकता है। अगर आप उत्तराखंड आएं, तो आपको इस डिश को जरूर ट्राई करना चाहिए।

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Web Title uttarakhand-food-kandali-ka-sag

(Himalayan Foods from The Himalayan Diary)

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