काईसधार जाने वाले ट्रैक पर अक्सर युवा व खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स साइकिल से माउंटेन बाइकिंग करते हुए देखा जा सकता है। अक्सर यहां लोग ग्रुप बनाकर सुबह के समय राइडिंग के लिए पहुंच जाते हैं। काईसधार की पतली कच्ची सड़कों पर राइडिंग करने का काफी मजा आता है। यह सफर रोमांच से भरा होता है।
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खूबसूरत वादियों से घिरे वशिष्ठ गांव नवविवाहितों के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां के अद्भुत सौंदर्य और शांति के बीच आप अपने साथी के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। वशिष्ठ गांव की यात्रा के दौरान आप ऋषि वशिष्ठ मंदिर का दीदार भी कर सकते हैं। यहां भगवान राम और ऋषि विशिष्ठ के दो मंदिर हैं। माना जाता है कि यह वही स्थान है, जहां पर ऋषि वशिष्ठ ने तप किया था। मंदिर परिसर में गर्म पानी का प्राकृतिक स्त्रोत भी है।
उत्तरकाशी में भागीरथी के संगम पर है भैरों घाटी, लंका से भैरों घाटी तक पैदल आते थे तीर्थयात्री
by adminजाह्वी गंगा की खोज करने वाले हाॅगसन के बारे में यह कहा जाता है कि जब उन्होंने भैरों घाटी के प्रभावशाली सौंदर्य को देखा तो उसे निहारते ही रह गए। उन्हें विशाल चट्टानें, खडी दीवारें, उंचे देवदार के पेड़ और भागीरथी का मनोरम दृश्य बेहद आकर्षक लगा।
बर्फ से ढके सिंथन टॉप से जम्मू और कश्मीर दोनों ही क्षेत्रों का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। सिंथन टॉप के नजदीक ही एक और खूबसूरत पर्यटन स्थल चत्पाल है। यह पर्यटन स्थल भी भीड़-भाड़ से दूर छुट्टियां बिताने वालों के लिए एकदम सही जगह है। चत्पाल में उद्योगों का कोई नामोनिशान तक नहीं है। खासकर यहां की खूबसूरत वादियों में अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक छुट्टियां बिताना बहुत खास होता है।
अद्भुत खूबसूरती और खजियार की तरह दिखने के कारण देवीदढ़ को मिनी खजियार भी कहा जाता है। यहां जंगल के बीचो बीच एक बहुत पुराना पुल है, जो दिखने में बहुत ही ज्यादा आकर्षक है।देवीगढ़ ट्रेक के रास्ते में जंजैहली, शिकारी देवी, कमरुनाग जैसे लोकप्रिय जगहें भी हैं। देवीदढ़ की जलवायु पूरे साल बहुत ठंडी रहती है। इस घाटी में भारी बर्फबारी होती है। यही कारण है कि देवीदढ़ आने का सबसे सही समय गर्मियों का मौसम होता है।
मियार घाटी में ट्रैकिंग के दौरान आप एक नहर को पार कर ढोकसर के विशाल घास के मैदान तक पहुंचते हैं। यहां का नजारा काफी मनमोहक है। इसके अलावा आप यहां कैसल पीक के खूबसूरत नजारे का मजा ले सकते हैं। यहां आप अपनी आंखों के सामने कैसल पीक को हरे से सूखे भूरे रंग में बदलते हुए देख सकते हैं।
दारमा घाटी की खूबसूरती का असली मजा लेने के लिए पर्यटक दुग्तू और दांतू गांव पहुंचते हैं। यह दोनों गांव दारमा घाटी के सबसे खूबसूरत छोर पर एक-दूसरे के सामने बसे हुए हैं। यहां से पंचाचूली चोटियों का कभी ना भूलने वाला नजारा दिखाई देता है। दुग्तू गांव को पंचाचूली का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यहां से पंचाचूली ग्लेशियर तक जाने का ट्रैक है, जो महज तीन से चार किलोमीटर का है।
सतधारा झील की खासियत यह है कि इसके पानी में बहुत से औषधीय गुण पाए जाते हैं। खासकर त्वचा से जुड़े रोगों के लिए इस झील का पानी काफी फायदेमंद साबित होता है। सतधारा झील की खासियत यह है कि इसके आसपास और भी कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं। ऐसे में पर्यटक सतधारा झील के अलावा अन्य खूबसूरत पर्यटन स्थलों का भी दौरा कर सकते हैं।
नत्थाटॉप से दिखता है मणिमहेश कैलाश पर्वत, जून की तपती गर्मी में भी यहां होता है सर्दी का अहसास
by adminबर्फ और घाटियों को देखने के शौकीन लोगों के लिए यह जगह बेहद सुंदर है। यहां से सनासर और पटनीटॉप भी घूमने जा सकते हैं। इन दोनों के बीच में ही नत्था टॉप पड़ता है। पटनीटॉप से नत्थाटॉप की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है। अगर आप फुरसत से घूमने के लिए जा रहे हैं तो पैदल भी वादियों का लुत्फ उठाते हुए जा सकते हैं।
पीर पंजाल पर्वत श्रृंखलाओं में घने पाइन और देवदार के पेड़ों से घिरी घाटी के बीच 24.4 मीटर की ऊंचाई से गिरते झरने का नजारा हमेशा-हमेशा के लिए आपकी आंखों में बस जाएगा।