लाटू देवता का मंदिर साल में केवल एक बार ही खोला जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन यहां के पुजारी अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर मंदिर के द्वार खोलते हैं। वहीं श्रद्धालु दूर से ही देवता के दर्शन कर पाते हैं। मंदिर के द्वार खोले जाने पर विष्णु सहस्त्रनाम और भगवती चंडिका पाठ किया जाता है।
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