Harsil के पास हिमालय की गोद में बसा है खूबसूरत बगोरी, लकड़ी के मकानों और सेब के बागानों के लिए है प्रसिद्ध

Bagori Uttarakhand

उत्तराखंड के जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 77 किलोमीटर की दूरी पर भागीरथी के किनारे हर्षिल घाटी का बेहद खूबसूरत गांव बगोरी (Bagori Uttarakhand) है। चीन की सीमा से लगे इस गांव में लकड़ी से बने सुंदर घर, कल-कल बहती भागीरथी नदी और यहां तक पहुंचने के लिए रास्ते में पड़ने वाले पुल आपको बगोरी गांव की यात्रा के लिए उत्साहित कर सकते हैं। उत्तरकाशी से बगोरी गांव तक सैर के दौरान बर्फ से ढकी चोटियां भी आपको काफी आकर्षक लग सकती हैं। यहां अप्रैल से मई के बीच काफी चहल पहल होती है। इस समय को बगोरी गांव जाने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है।

यह गांव सर्दियों में बर्फ की चादर से ढक जाता है, जिसके चलते लोग उत्तरकाशी के आसपास चले जाते हैं। यहां बने लकड़ी के घरों के बाहर की गई फूलों की नक्काशी आने वाले लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच लेती है। यहां के निवासियों ने अपने घरों के दरवाजों पर बौद्ध मंत्र भी गुदवा रखे हैं। इसके साथ ही यहां आने पर आपको खास जड़ी बूटी से बनी चाय भी मिलती है, जिसका स्वाद लाजवाब होने के साथ ही सेहत के लिहाज से भी यह अच्छी होती है। इस गांव में जाड़-भोटिया जनजाति के करीब 250 परिवार रहते हैं। भागीरथी नदी के किनारे बसे इस गांव को स्वच्छता की बदौलत फरवरी 2018 में उत्तरकाशी जिले के पहले गंगा ग्राम घोषित होने का गौरव भी मिल चुका है। यहां सभी घरों में शौचालय है। अब इस गांव को जल शक्ति मंत्रालय ने भी सबसे अच्छा गंगा ग्राम का खिताब दे दिया है।

1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था तो सीमा पर बसे जादुंग और नेलांग गांव को खाली करवा दिया गया। ऐसे में लोग बगोरी गांव में आकर बस गए। जादुंग और नेलांग के लोग उस समय में तिब्बत के साथ नमक का व्यापार किया करते थे। जो उस समय अजीविका का मुख्य साधन था। बाद में यहां के लोगों ने सेब की बागवानी की, जो वर्तमान में यहां के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है। बगोरी गांव और आसपास के गांवों में भी सेब के बगीचे देखे जा सकते हैं। अप्रैल में जैसे ही गंगोत्री धाम के कपाट खुलते हैं। यहां पर ग्रामीणों का आवागमन शुरू हो जाता है। चीन की सीमा के काफी नजदीक होने की वजह से यहां चाइनीज खाना जैसे नूडल्स, मोमोज आदि भी लोगों के पसंदीदा व्यंजन में से एक हैं।

कैसे पहुंचें Bagori Uttarakhand

उत्तरकाशी से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर बसे बगोरी गांव में पहुंचने के लिए दोपहिया वाहन ही सबसे बेहतर विकल्प है। देहरादून से लगभग 189 किलोमीटर की दूरी पर उत्तरकाशी पड़ता है। यहां से निजी वाहन या दोपहिया वाहन से बगोरी तक पहुंचा जा सकता है। रेल यात्रा के लिए पहले देहरादून पहुंचना होगा, जहां से उत्तरकाशी लगभग 145 किलोमीटर की दूरी पर है। वहीं बगोरी के पास ही हर्षिल भी प्रसिद्ध हिल स्टेशन हैं, जहां आपको जरूर जाना चाहिए। बगोरी में रहने का कोई व्यवस्था फिलहाल नहीं है।

Uttarakhand के इन पर्यटन स्थलों के बारे में भी पढ़ें:

Web Title beautifull-bagori-village-of-harsil-valley-in-uttarkashi-uttarakhand

(Tourists Destinations from The Himalayan Diary)

(For Latest Updates, Like our Twitter & Facebook Page)

Leave a Reply