भारत के इस प्रथम गांव में है स्वर्ग की ओर जाने वाला पुल, सरस्वती नदी का है उद्गम स्थल

Mana Village Uttarakhand

हाल ही में उत्तराखंड के चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल चुके हैं। यह धाम श्रद्धालुओं के लिए छह माह के लिए खुलता है और बाद में सर्दियों में भारी बर्फबारी के बाद यहां के कपाट बंद हो जाते हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही आसपास के धार्मिक पौराणिक स्थलों में भी श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है। इन्हीं जगहों में से एक बदरीनाथ धाम से पांच किलोमीटर आगे माणा गांव के पास सरस्वती नदी पर बना भीम पुल है। चीनी सीमा की तरफ माणा (Mana Village Uttarakhand) देश का प्रथम गांव है।

मान्यता है कि जब पांडव स्वर्ग को जा रहे थे तो उन्होंने इस स्थान पर सरस्वती नदी से जाने के लिए रास्ता मांगा, लेकिन सरस्वती ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और मार्ग नहीं दिया। ऐसे में महाबली भीम ने दो बड़ी शिलाएं उठाकर इसके ऊपर रख दीं, जिससे इस पुल का निर्माण हुआ। पांडव तो इस पुल का इस्तेमाल करते हुए स्वर्ग की ओर बढ़ गए, लेकिन आज तक यह पुल यहां पर मौजूद है। यह भी एक रोचक बात है कि सरस्वती नदी यहीं पर दिखती हैं, इससे कुछ दूरी पर यह नदी अलकनंदा में समाहित हो जाती हैं। नदी यहां से नीचे जाती तो दिखती है, लेकिन नदी का संगम कहीं नहीं दिखता। इस बारे में भी कई मिथक हैं। कहा जाता है कि महाबली भीम ने नाराज होकर गदा से भूमि पर प्रहार किया, जिससे यह नदी पाताल लोक चली गई।

दूसरा मिथक यह है कि जब गणेश जी वेदों की रचना कर रहे थे, तो सरस्वती नदी अपने पूरे वेग से बह रही थी और बहुत शोर कर रही थी। आज भी भीम पुल के पास यह नदी बहुत ज्यादा शोर करती है। गणेश जी ने सरस्वती जी से कहा कि शोर कम करें, मेरे कार्य में व्यवधान पड़ रहा है, लेकिन सरस्वती जी नहीं मानीं। इस बात से नाराज होकर गणेश जी ने इन्हें श्राप दिया कि आज के बाद इससे आगे तुम किसी को नहीं दिखोगी। भीम पुल भारी शिला से निर्मित ऐसा सुरक्षित पुल है, जो आज भी लोगों की आवाजाही का साधन है। इस शिला के ऊपर सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने पैराफिट बाउंड्री बनाई है, ताकि कोई नदी में न गिरे। अब तक 50 हजार से अधिक लोग भीम पुल सहित अन्य तीर्थ स्थलों को देखने आ चुके हैं। इस शिला के ऊपर सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने पैराफिट बाउंड्री बनाई है ताकि कोई नदी में न गिरे।

कैसे पहुंचें Mana Village Uttarakhand

सड़क मार्ग – नैशनल हाईवे 58 के जरिए हरिद्धार और ऋषिकेश से बदरीनाथ धाम तक पहुंचा जा सकता है। हरिद्धार से बदरीनाथ की दूरी लगभग 275 किलोमीटर है। बदरीनाथ धाम से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर माणा गांव स्थित है। इसके बाद आप ट्रेकिंग करके भीम पुल तक पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग – माणा गांव से नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्धार में है, जो लगभग 320 किलोमीटर की दूरी पर है।
हवाई मार्ग – इसके अलावा माणा गांव से निकटतम हवाई अड्डा 340 किलोमीटर दूर देहरादून में है।

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(Religious Places from The Himalayan Diary)

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