जलोड़ी जोत टनल के निर्माण कार्य की प्रकिया तेज, शिमला से मनाली जाने में पर्यटकों को होगा फायदा

Jalori Jot Tunnel

आखिरकार लंबे समय से बंद पड़े जलोड़ी जोत टनल (Jalori Jot Tunnel) के निर्माण कार्य को लेकर केंद्र सरकार ने प्रक्रिया तेज कर दी है। जलोड़ी जोत टनल और हाईवे-305 का पर्यटन और सामरिक दृष्टि से विशेष महत्व है। इस टनल के बनने से पर्यटन कारोबार को पंख लगेंगे। पर्यटकों को इससे काफी फायदा होगा। हिमाचल में शिमला, कुफरी, नारकंडा की खूबसूरत वादियों का मजा लेते हुए पर्यटकों के लिए कुल्लू मनाली जाना बेहद सुगम हो जाएगा और समय भी बचेगा। इसके अलावा इस टनल बनने से चीन के बॉर्डर पर किन्नौर और लाहौल स्पीति के इलाकों में सेना की आवाजाही सुगम हो जाएगी।

दशकों से प्रस्तावित 4.2 किलोमीटर लंबी जलोड़ी जोत टनल की फाइनल डीपीआर और 97 किलोमीटर लंबे हाईवे-305 की भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए टेंडर हो गए हैं। जानकारी के अनुसार टनल की डीपीआर पर 6.05 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि डीपीआर तैयार करने में दस महीने का समय लगेगा। इसके अलावा हाईवे-305 का निर्माण करने के लिए भूमि अधिग्रहण और वन विभाग की मंजूरी का काम भी छह महीने में पूरा हो जाएगा। इस पर करीब 1.75 करोड़ खर्च होंगे। उम्मीद की जा रही है कि 2021 में जलोड़ी टनल और हाईवे का निर्माण शुरू होगा।

बता दें कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिसंबर महीने में जलोड़ी दर्रा टनल का जियोलॉजिकल सर्वेक्षण एमआई-17 हेलीकॉप्टर से किया था। इस रिपोर्ट से जलोड़ी दर्रे के भीतर पत्थर और पानी का पता चल सकेगा। रिपोर्ट अगले कुछ महीनों में डेनमार्क से आएगी। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में सांसद रामस्वरूप शर्मा व किशन कपूर ने एनएचएआइ के अधिकारियों, प्रदेश लोक निर्माण विभाग के ईएनसी ने केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। बैठक के दौरान भूभू जोत टनल और जलोड़ी जोत टनल के निर्माण को भी हरी झंडी दे दी गई थी। यह मामला लंबे अर्से से लटका हुआ था, लेकिन अब इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है।

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(Tourism News from The Himalayan Diary)

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