पांडवों ने एक रात में बनवा दिया था बिनसर महादेव मंदिर, भगवान शिव और माता पार्वती की है पवित्र स्थली

Binsar Mahadev Temple

उत्तराखंड में रानीखेत से केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर बिनसर महादेव मंदिर (Binsar Mahadev Temple) अपने आप में अनुपम प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए है। इस मंदिर में वास्तुकला का शानदार नजारा देखने को मिलता है। इस मंदिर में भगवान गणेश व माता गौरी आदि की मूर्तियों में स्थापत्य कला देखने को मिलती है। चारों तरफ से पहाड़ों और मोटे देवदार पेड़ों से घिरा यह मंदिर हमें प्रकृति की सुंदरता के काफी करीब ले आता है। चारों तरफ से जंगल से घिरे होने के बावजदू भारी संख्या में श्रद्धालु यहां महादेव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

एक रात में पांडवों ने तैयार किया था मंदिर

मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि पांडव यहां अज्ञातवास के समय आए थे। उसी समय एक रात में उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया था। यहां आज भी भीमघट नाम की एक शिला रखी हुई है। एक अन्य कथा के अनुसार नवीं या दसवीं सदी में राजा पृथ्वी ने अपने पिता बिंदु की याद में बनवाया, जिसके चलते इसे बिंदेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर में देखने को मिलती है अनुपम वास्तुकला

यह मंदिर अपनी अनुपम वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिर में भगवान गणेश, माता गौरी और महेशमर्दिनी की मूर्तियों में अनूठी स्थापत्य कला देखने को मिलती है। यहां स्थापित महेशमर्दिनी की मूर्ति के बारे में नवीं शताब्दी के नगरीलिपी ग्रंथों में भी जानकारी मिलती है। इस मंदिर को भगवान शिव और माता पार्वती की पवित्र स्थली भी माना जाता है।

कैसे पहुंचें Binsar Mahadev Temple

इस मंदिर तक हवाई मार्ग से पहुंचने के लिए पंतनगर हवाई अड्डे पहुंचना होगा। जो रानीखेत से 114 किलोमीटर की दूरी पर हैं। वहीं अल्मोड़ा से यह जगह 127 किलोमीटर की दूरी पर पड़ती है। रेल मार्ग से यहां तक पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम तक आना होगा। यहां से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर है। इसके अलावा सड़क मार्ग से मंदिर तक जाने के लिए रानीखेत तक सीधे पहुंचना अधिक आसान है। यह सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड बस सेवा के जरिए रानीखेत व बिनसर महादेव तक पहुंचना संभव है।

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Web Title binsar-mahadev-temple-is-located-near-ranikhet-in-uttarakhand

(Religious Places from The Himalayan Diary)

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