रहस्यों से भरा है मंडी का बाबा भूतनाथ मंदिर, यहां गाय के थनों से बहती थी दूध की धारा

Baba Bhootnath Temple

वेदों व पुराणों में हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहां भगवान शिव के कई ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे पड़े हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक बाबा भूतनाथ मंदिर (Baba Bhootnath Temple) है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में है, जिसे छोटा काशी भी कहा जाता है। भूतनाथ मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। मंदिर का निर्माण 1527 में राजा अजवेर सेन ने करवाया था। मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है, जो प्राचीन काल से ही क्षेत्र की आस्था का केंद्र है। खासकर शिवरात्रि पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

मान्यता है कि प्राचीन समय में पुरानी मंडी के एक ग्वाले की गाय हर दिन नदी पार करके जंगल में घास चरने आती थी और शाम को वापस घर लौटती थी। यह गाय भूतनाथ मंदिर के पास खड़ी हो जाती थी। उसके थनों से अपने आप ही दूध की धारा निकलने लगती थी। धीरे-धीरे यह खबर लोगों के बीच आग की तरह फैल गई। इस दौरान राजा अजवेर सेन को सपने में भगवान शिव ने दर्शन दिए और बताया कि जिस स्थान पर गाय के थनों से दूध बहता है, वहां एक शिवलिंग है। भगवान शिव ने सपने में राजा अजवेर सेन से उस स्थान पर मंदिर बनाकर उसे भूतनाथ का नाम देने के लिए कहा। इसके बाद राजा अजवेर सेन ने जाकर देखा तो वहां सचमुच एक शिवलिंग स्‍थापित मिला। इसके बाद राजा अजवेर सेन ने इस स्थान पर शिखारा शैली से मंदिर का निर्माण करवाया।

बता दें कि बाबा भूतनाथ मंदिर में हर वर्ष शिवरात्रि का त्यौहार पूरे एक सप्ताह तक हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्दालु पहुंचते हैं। प्राचीन समय से ही मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर शिवरात्रि से एक माह पहले से ही मक्खन चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। इस दौरान हर रोज अलग-अलग रूपों का श्रृंगार किया जाता है। इस एक महीने में भगवान शिव पर एक क्विंटल से ज्यादा मक्खन चढ़ाया जाता है। इस एक महीने में शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाया जाता है। शिवरात्रि के अलावा सावन महीने में भी बाबा भूतनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व माना जाता है।

कैसे पहुंचें Baba Bhootnath Temple

मंडी शहर सड़क मार्ग द्वारा शिमला अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मंडी से नजदीकी हवाई अड्डा लगभग 75 किलोमीटर दूर भुंतर में है। भुंतर से मंडी जाने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। मंडी से निकटतम रेलवे स्टेशन यहां से लगभग 115 किलोमीटर दूर कीरतपुर में है। मंडी सड़क मार्ग द्वारा चंडीगढ़, पठानकोट, शिमला, कुल्‍लू, मनाली और दिल्‍ली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

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Web Title recognition-and-history-of-baba-bhootnath-temple-in-mandi

(Religious Places from The Himalayan Diary)

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