टनकपुर में है पवित्र पूर्णागिरी धाम, मां के दरबार में पूरी होती है हर मनोकामना

Purnagiri Dham

देवों की भूमि उत्तराखंड में हर थोड़ी-थोड़ी दूर एक मंदिर स्थापित हैं। यहां कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद हैं। यही कारण है कि देश-दुनिया से भक्त यहां आते हैं। उत्तराखंड के चंपावत में काली नदी के किनारे पर स्थित प्रसिद्द धाम पूर्णागिरी (Purnagiri Dham) हिंदुओं का पवित्र धार्मिक स्थल है। चंपावत जिले के प्रवेशद्वार टनकपुर से 21 किलोमीटर दूर स्थित यह शक्तिपीठ मां भगवती के 51 सिद्ध पीठों में से एक है। पूर्णागिरी मंदिर समुद्र तल से 5500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

मान्यता है कि जो भी भक्त यहां आकर माता के सामने शीश झुकाकर सच्चे मन से मांगता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। लोगों का विश्वास है कि माता भक्तों के सारे बिगड़े काम बनाती हैं। पूर्णागिरी धाम को पुण्यगिरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां से काली नदी निकालकर समतल की ओर जाती है, वहां इसे शारदा के नाम से जाना जाता है। यहां हर साल लाखों की संख्या में भक्त आते हैं, लेकिन चैत्र मास की नवरात्री पर यहां खास तौर पर भक्त पहुंचते हैं। चैत्र मास की नवरात्रियों से दो माह तक यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है।

पूर्णागिरी धाम 51 शक्तिपीठों में से एक है। इन सभी शक्ति पीठों के उत्पत्ति की कथा एक ही है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव के ससुर दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया था, लेकिन उन्होंने यज्ञ में भगवान शिव और माता सती को नहीं बुलाया। दरअसल दक्ष भगवान शिव को अपने बराबर का नहीं समझते थे। जब माता सती को इसके बारे में पता चला तो वह बिना बुलाए ही यज्ञ में जा पहुंचीं। वहां भगवान शिव का काफी अपमान किया गया। इससे दुखी होकर माता सती हवन कुंड में कूद गईं। जब भगवान शिव को इस बारे में पता चला तो वह माता सती के शरीर को हवन कुंड से निकालकर तांडव करने लगे। इससे सारे ब्रह्मांड में हाहाकार मच गया। भगवान विष्णु ने ब्रह्मांड को बचाने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 भागों में बांट दिया। कहते हैं जो अंग जहां गिरा वहां शक्ति पीठ बन गया। मान्यता है कि जहां पूर्णागिरी धाम है, वहां माता सती की नाभि गिरी थी।

कैसे पहुंचें Purnagiri Dham

पूर्णागिरी माता का धाम टनकपुर से 21 किलोमीटर दूर स्थित है। दिल्ली से टनकपुर के लिए सीधी बस चलती है। टनकपुर से पूर्णागिरि धाम जाने के लिए आप बस या टैक्सी की मदद ले सकते हैं। आप रेल मार्ग से भी टनकपुर आ सकते हैं। आप हवाई मार्ग द्वारा देश भर की अलग-अलग जगहों से उत्तराखंड के उधमसिंह नगर स्थित पंतनगर एयरपोर्ट पहुंच सकते हो, जो पूर्णागिरि से 96 किलोमीटर दूर है।

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(Religious Places from The Himalayan Diary)

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