हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मंडी जिले (Mandi) में ऐतिहासिक स्थली पांगणा (pangana) के पास महिषासुर मर्दिनी माता मंदिर (Mahishasur Mardini Mata Temple) देहरी में खुदाई के दौरान भगवान सूर्यदेव की अद्वितीय प्रस्तर प्रतिमा (statue of lord suryadev) निकली है। भगवान सूर्यदेव की प्रतिमा (statue of lord suryadev) को 12वीं शताब्दी का माना जा रहा है। प्रतिमा के सिर के पृष्ठ भाग में आभामंडल है। यह आभामंडल धर्म चक्र का प्रतीक है। साथ ही प्रतिमा के पैरों के पास सारथी अरुण कतारबद्ध बैठे हैं। भगवान सूर्य के उनकी पत्नियां उषा और प्रत्यूषा आयुद्ध धारण कर जैसे अंधेरे का भेदन कर रही हैं।
प्रतिमा को सुरक्षित स्थान पर रखा
महिषासुर मर्दिनी माता देहरी मंदिर में खुदाई के दौरान निकली प्रतिमा को लेकर पुरातत्व चेतना संघ मंडी द्वारा स्वर्गीय चंद्रमणि कश्यप राज्य पुरातत्व चेतना पुरस्कार से सम्मानित डॉ. जगदीश शर्मा के अनुसार प्रतिमा की शोभा देखते ही बनती है। प्रतिमा के प्रकट होने के बाद इसके दिव्य विग्रह के स्वरूप व इसके निर्माण काल की जानकारी प्राप्त की गई। साथ ही मंदिर की देखरेख करने वाले पुजारी के द्वारा प्रतिमा को सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया है।

Photo Source – Punjab Kesri
प्रतिमा की स्थापना
सुकेत संस्कृति साहित्य एवं जन कल्याण मंच के अध्यक्ष ने प्रतिमा को लेकर कहा कि आठवीं शताब्दी के मध्य में श्रीनगर में प्रसिद्ध सूर्य मंदिर मार्तंड का निर्माण किया था। हो सकता है कि उसके बाद पांगणा में भी सूर्य पूजा का महत्व बढ़ा हो। ऐसे में संभावना है कि उसके बाद ही इस स्थान पर भी भगवान सूर्य की प्रतिमा को स्थापित किया गया हो। उनका कहना है कि भगवान सूर्य को पंचदेवों में माना जाता है और पांगणा में अब तक इन पांचों देवी-देवताओं की मूर्तियां प्रकट हो चुकी हैं।
संग्रहालय कक्ष के निर्माण की मांग
यह पहली बार नहीं है जब पांगणा में खुदाई के दौरान ऐतिहासिक प्रतिमा मिली हो। इससे पहले भी यहां भगवान विष्णू, शिव, देवी माता और अन्य अति प्राचीन मूर्तियां निकल चुकी हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि पुरातात्विक धरोहरों को खोजने व संरक्षित करने के लिए और यहां खुदाई में निकली मूर्तियों के रख-रखाव के लिए पुरातत्त्व विभाग को यहां संग्रहालय कक्ष का निर्माण करवाना चाहिए।
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Web Title statue of lord suryadev found in mahishasur mardini mata temple pangana mandi
(Religious News from The Himalayan Diary)