पर्यटन (Tourism) की दृष्टि से महत्वपूर्ण शिमला-मटौर फोरलेन (shimla matour four lane) बनाने के काम में तेजी आई है। केंद्र सरकार निर्देश के बाद नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) फोरलेन निर्माण के पहले चरण में मटौर ज्वालामुखी पैकेज की टेंडर प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूरी कर लेगा। इसके अलावा एनएचएआई ने फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। शिमला-मटौर (कांगड़ा) फोरलेन के बनने से देश-विदेश के पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी काफी फायदा होगा।
एनएचएआई ही बनाएगा फोरलेन
शिमला-मटौर फोरलेन के निर्माण में करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका निर्माण एनएचएआई ही करेगा। एनएचएआई ने ज्यादा लागत आने के कारण फोरलेन का निर्माण कार्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग को सौंपने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखा था। एनएचएआई ने इसके पीछे दलील दी थी कि इस सड़क पर इतना यातायात नहीं है कि इससे खर्च की भरपाई हो सके। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद केंद्र सरकार ने एनएचएआई की दलील को खारिज कर फोरलेन निर्माण करने के आदेश दिए हैं।

Source – Divya Himachal
भूमि अधिग्रहण पूरा होने के बाद होंगे टेंडर
केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार फोरलेन निर्माण का टेंडर 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण पूरा होने के बाद ही होंगे। ऐसे में एनएचएआई ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी है। भूमि अधिग्रहण के लिए 3,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
शिमला-मटौर फोरलेन बनने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को सर्पीली सड़कों से छुटकारा मिलेगा। साथ ही शिमला से मटौर (कांगड़ा) की दूरी 43 किलोमीटर तक घट जाएगी। अभी शिमला से मटौर की दूरी 223 किलोमीटर है, जो घटकर 180 किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रियों का समय भी बचेगा। अभी शिमला से मटौर जाने में 8 घंटे लगते हैं, जो फोरलेन निर्माण के बाद आधा हो जाएगा।
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(Tourism News from The Himalayan Diary)