त्रिलोकपुर में घने जंगल के आंचल में बसा है प्रसिद्ध माता बाला सुंदरी का मंदिर

हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले के मुख्यालय नाहन से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर त्रिलोकपुर में माता बाला सुंदरी का लगभग 350 वर्ष पुराना मंदिर (Mata Bala Sundri Temple) है। रमणीक धार्मिक पर्यटन स्थल माता बालासुंदरी मंदिर का धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा दीप प्रकाश ने 1573 में करवाया था। माता बाला सुंदरी को समर्पित इस मंदिर में उत्तरी भारत खासकर हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

माता बाला सुंदरी के मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस पवित्र स्थल पर माता साक्षात रूप में विराजमान हैं। यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। लोगों की मान्यता है कि माता यहां पर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में देवबंद से नमक की बोरी मेंआई थीं। कहा जाता है कि लाला रामदास नाम का व्यापारी सदियों पहले त्रिलोकपुर में नमक का व्यापार किया करता था। उनकी नमक की बोरी में ही माता देवबंद से त्रिलोकपुर आई थीं। त्रिलोकपुर में पीपल के पेड़ के नीचे उनकी दुकान हुआ करती थी। उन्होंने देवबंद से लाए गए नमक को दुकान में डाल दिया। इसके बाद लाला रामदास नमक बेचता गया, लेकिन नमक खत्म ही नहीं हुआ।

लाला रामदास रोजाना पीपल के पेड़ की पूजा करते थे। उन्होंने नमक बेचकर काफी पैसा कमाया, लेकिन एक दिन वह इस चिंता में पड़ गए कि नमक खत्म क्यों नहीं हो रहा। एक रात माता ने लाला रामदास को सपने में दर्शन दिए और कहा कि मैं तुम्हारी भक्ति से खुश होकर पीपल के पेड़ के नीचे पिंडी के रूप में स्थापित हो गई हूं। तुम यहां पर भवन बनवाओ। इसके बाद लाला रामदास ने माता की आराधना की और कहा कि मेरे पास भवन बनाने के पैसे नहीं हैं। आपसे विनती है कि आप सिरमौर के महाराजा को भवन बनाने के आदेश दें। माता ने अपने भक्त की प्रार्थना सुनकर सिरमौर के महाराजा प्रदीप प्रकार को सपने में दर्शन दिए और भवन निर्माण का आदेश दिया। इस पर महाराजा ने जयपुर से कारीगरों को बुलवाकर भवन निर्माण करवाया।

माता बाला सुंदरी त्रिलोकपुर में प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी से शुरू होकर बैसाख कृष्ण पक्ष की सप्तमी तक मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके अलावा यहां श्रद्धालु भंडारों का भी आयोजन करते हैं। यह प्रसिद्ध धार्मिक स्थान नाहन से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर है। नाहन से त्रिलोकपुर जाने के लिए बस और अन्य साधन उपलब्ध हैं। नाहन के नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून, शिमला और चंडीगढ़ में है। पर्यटक यहां से टैक्सी या बस लेकर नाहन पहुंच सकते हैं। नाहन से निकटतम रेलवे स्टेशन अंबाला, चंडीगढ़ और कालका हैं जो नाहन से नियमित बस सेवा से जुड़े हैं। नाहन सड़क मार्ग द्वारा शिमला, चंडीगढ़, देहरादून, दिल्ली और हरिद्वार जैसे अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।

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(Religious Places from Himalayan Diary)

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